Top 10 Places To Visit in Rajgir - राजगीर में घूमने की 10 बेस्ट जगहें

Top 10 Places To Visit in Rajgir - राजगीर में घूमने की 10 बेस्ट जगहें

दोस्तों Top 10 Places To Visit in Rajgir राजगीर में घूमने की 10 बेस्ट जगहें पर बहुत दिनों के बाद मैं फिर से एक नया रोमांच से भरपूर यात्रा से सम्बंधित ब्लॉग लेकर आपके सामने उपस्थित हुआ हूँ. इस ब्लॉग में हम बात करेंगे Top 10 Places To Visit in Rajgir राजगीर में घूमने की 10 बेस्ट जगहें . बिहार के नालंदा जिले में स्थित राजगीर ऐतिहासिक, सांस्कृतिक तथा आध्यात्मिक महत्त्व का शहर है. जैसा कि आप जानते हैं कि राजगीर शब्द की उत्पति राजगृह से हुई है जिसका मतलब होता है "राजा का घर". राजगीर शहर हर्यक, शुंग, मौर्य तथा गुप्त राजाओं की राजधानी रह चुका है. ऐसी मान्यता है कि राजगीर को आज से हजारो साल पहले मगध के राजा बिम्बिसार ने बनाया था. राजगीर चारो तरफ पांच पहाड़ियों से घिरा हुआ है. राजगीर शहर का पुराना नाम वसुमतिपुर, वृहद्रथपुर, गिरिब्रज और कुशग्रपुर था. राजगीर आज भी देशी और विदेशी सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। राजगीर का सम्बन्ध केवल महात्मा बुद्ध से ही नहीं बल्कि इसका सम्बन्ध भगवान  महावीर से भी जुड़ा हुआ है.  आप जब Top 10 Places राजगीर घूमने आइयेगा तो यहां आपको संस्कृति एवं अध्यात्म का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा.
Top 10 Places To Visit in Rajgir - राजगीर में घूमने की 10 बेस्ट जगहें


राजगीर कैसे पहुँचे ?

1. हवाई मार्ग

राजगीर शहर में कोई हवाई अड्डा नहीं है फिर भी आप हवाई मार्ग से आप गया शहर में उतर सकते हैं. यहां से राजगीर की दूरी लगभग 78 किलोमीटर है. गया से आप टैक्सी या बस द्वारा राजगीर पहुँच सकते हैं.

2. रेल मार्ग

राजगीर शहर का अपना रेलवे स्टेशन है यहां आप भारत के किसी कोने से आराम से टिकट लेकर रेल द्वारा पहुँच सकते हैं. राजगीर शहर का रेलवे स्टेशन भारत के प्रमुख रेलवे स्टेशनों से जुड़ा हुआ है.

3. सड़क मार्ग

राजगीर शहर सड़क मार्ग से भी जुड़ा हुआ है. राजगीर शहर को राष्ट्रीय राजमार्ग और राज्य के सड़के जोड़ती है. आप पटना या गया शहर से किराए पर टैक्सी लेकर या राज्य परिवहन की बस लेकर राजगीर पहुँच सकते हैं.

राजगीर घूमने का बेस्ट समय कब है ?

राजगीर घूमने का सबसे बेस्ट समय है नवम्बर से फरवरी। इस समय राजगीर में सर्दियों का मौसम रहता है. यहां का मौसम सर्दियों में बहुत ही सुहाना होता है. सर्दियों में राजगीर का तापक्रम 12 से 25 डिग्री के आस पास होता है. हालांकि कुछ लोग बरसात के मौसम में भी यँहा आते हैं इस समय राजगीर में चारो तरफ हरियाली ही हरियाली नजर आती है और मौसम ठंडा रहता है. गर्मियों में यहां जाने की सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि यहां बहुत गर्मी पड़ती है और राजगीर का तापक्रम 40 डिग्री से ज्यादा होता है.

राजगीर में घूमने की 10 बेस्ट जगहें- Top 10 Places To Visit in Rajgir

दोस्तों यहाँ इस ब्लॉग के पार्ट में हम बताएँगे कि वह 10 बेस्ट जगहें कौन कौन से हैं जहाँ जाकर राजगीर के सांस्कृतिक, और आध्यात्मिक पहलूनो को बारीकी से देख सकते हैं साथ ही साथ आप राजगीर के प्रकृति का भरपूर आनद उठा सकते हैं तो आइये एक एक करके उन 10 जगहों के बारे में विस्तार पूर्वक जानते हैं.

1. विश्व शान्ति स्तूप

रत्नागिरी पहाड़ी पर स्थित विश्व शान्ति स्तूप को 1969 में एक जापानी संगठन द्वारा बनवाया गया था. विश्व शान्ति स्तूप को विश्व में शान्ति एवं अहिंसा का प्रतिक माना जाता है। सफ़ेद रंग के स्तूप के चारो तरफ भगवान बुद्ध की मूर्तियां हैं जो जीवन के चारो महत्वपूर्ण घटनाओं को दर्शाती है. विश्व शान्ति स्तूप हमें यह सिखाता है कि हमें शांति और सौहाद्र पूर्वक रहना चाहिए. विश्व शान्ति स्तूप के आस पास का मनोरम दृश्य हमारा मन मोह लेता है. यहां प्रति वर्ष बौद्ध धर्म के अनुयायी इकठ्ठा होते हैं और परिक्रमा करते हैं. अगर आप यहां आते हैं तो यहाँ का वातावरण आपको एक अजब सी शान्ति का अहसास दिलाएगी.

2. गिद्धकूट पर्वत

राजगीर के महत्वपूर्ण आकर्षणों में से एक गिद्धकूट पर्वत भी है जिसे गिद्ध शिखर भी कहते हैं। यहां के रहने वालों के अनुसार यह माना जाता है कि इस पर्वत पर भगवान् बुद्ध ने लोटस सूत्र तथा डायमंड सूत्र पर अपने प्रवचन दिए थे.

3. नालंदा विश्वविद्यालय

दोस्तों आपने नालंदा विश्वविद्यालय का नाम तो जरूर सुना होगा जिसके खंडहर आज भी अपने विश्वज्ञान की भव्यता को दिखायेगा. नालंदा विश्वविद्यालय के खँडहर राजगीर से लगभग 13 किलोमीटर की है. नालंदा विश्वविद्यालय विश्व के सबसे प्राचीनतम शिक्षण केंद्रों में से एक है। जहां विश्व के कोने कोने से लोग ज्ञान प्राप्त करने के लिए आते थे. यहाँ आप प्राइवेट टैक्सी से पहुँच सकते हैं.

4. वेणु वन

राजगीर से 8 किलोमीटर की दुरी पर स्थित वेणु वन स्थित है. वेणु वन को बांस का जंगल भी कहा जाता है. वेणु वन में अक्सर महात्मा बुद्ध आया करते थे और यही पर ध्यान लगाया करते थे. यहां से विश्व शान्ति स्तूप लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.  वेणु वन को मगध के सम्राट बिम्बिसार ने उपहार के रूप में भेट किया था. उस जमाने को वेणु वाम छोटा था जिसे आज सौंदयीकरण कर बड़ा बनाया गया है. आज के वेणु वन में लगभग एक हजार लोग घूम फिर सकते हैं और यहां की हरियाली का आनंद उठा सकते हैं. वेणु वन में उन तमाम वस्तुओं को दर्शाया गया है जो महात्मा बुद्ध के समय में थी.

5. ब्रह्म कुंड (सप्तर्षि कुंड)

ब्रह्म कुंड(सप्तर्षि कुंड) अगर आप राजगीर आइयेगा तो आप राजगीर का मशहूर गर्म पानी के कुंड में नहाने का मजा ले सकते हैं. इस कुंड में पानी पहाड़ो से सात धाराओं में आता है जिसके कारण इसको सप्तर्षि कुंड भी कहा जाता है. कहा जाता हैं कि इस कुंड में नहाने से बहुत सारे रोग दूर हो जाते हाँ. कुंड का पानी लगभग 45 डिग्री तक गर्म रहता है.


6. अजातशत्रु का किला

राजगीर में अजातशत्रु का किला भी बहुत ही आकर्षक तथा घूमने लायक जगह है. इस किले को मगध सम्राट अजातशत्रु ने बनवाया था. यहां से आप आस पास के मनोरम दृश्यों को देख सकते हैं.

7. सोन भण्डार की गुफाएं

सोन भण्डार की गुफाएं में पुराने जमाने से सोने का खजाना छुपाकर रखा हुआ है. कहा जाता है किइस खानेको बिंबिसार की पत्नी ने छुपाकर रखा था. किवदंती को माना जाय तो इसके दरवाजे को खोलने के लिए अंग्रेजों ने तोप से गोला दागा था पर वे इस दरवाजे को खोल नहीं पाए.

8. स्वर्ण भण्डार

स्वर्ण भण्डार यानी सोने का भण्डार जिसे बिंबिसार का बताया जाता है. कहा जाता है कि बिंबिसार सोने चांदी के गहनों का प्रेमी था और उसने बहुत सारे सोने चांदी के गहने इकठ्ठा किया था. जब बिम्बिसार के पुत्र अजातशत्रु ने उस बंदी बना लिया था तब उसकी पत्नी ने सारे सोने चांदी के गहनों को इसी गुफा में छुपा दिया था. इस गुफा में दो दरवाजे थे जिसमे से एक में स्वर्ण भण्डार के रक्षक सिपाही रहते थे था दूसरे कमरे में सोने का भण्डार छुपा कर रखा हुआ था.

9. जरासंध का अखाड़ा

जरासंध का अखाड़ा इसी अखाड़े में जरासंध उस समय के योद्धाओं के साथ मल्ल्युद्ध किया करता था तथा उन्हें पटखनी देता था. इसी अखाड़े में जरासंध की मृत्यु महाभारत के भीम के साथ 13  दिनो तक चले  मल्ल युद्ध करते वक्त हुई थी. इस अखाड़े का मट्टी दूधिया रंग का है. कहा जाता है कि जरासंध इस अखाड़े में सैकड़ो लीटर दूध तथा मलाई मिलाया करता था.

10. साइक्लोपियन दीवार

साइक्लोपियन दीवार चेन की दिवार से भी पुराना है. कहा जाता है कि इस राजा ब्र्ह्द्रथ ने शहर की रक्षा करने के लिये बनवाया था पर वह इसे पूरा नहीं करा पाया था. बाद जरासंध ने पूरा करवाया था. साइक्लोपियन दीवार 40 किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है. इसकी उचाई लगभग चार मीटर तथा चौड़ाई लगभग सात मीटर है. शहर में प्रवेश कारन के लिए कई विशाल दरवाजे तथा छोटे छोटे दरवाजे थे.

इन सब के अलावा राजगीर के आस पास और बहुत कुछ दर्शनीय स्थल है जिन्हे आप अपने यात्रा के दौरान देख सकते हैं। राजगीर में हर साल राज्य सरकार द्वार राजगीर महोत्सव का आयोजन करा जाता है जिसका लुत्फ़ आप उठा सकते हैं.
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